Maithili kavita - Bar man aabeya

बड़ मुन आबैय या 
ओ खेत खलिहान 
आम के कलम
ओही में मचान   
    बड़ मुन आबैय या ....२

पोखिड़ी भीड़ पर 
दातुन केनाय
दातुन कैय्कय
डुबकी लगेनैय ई  
    बड़ मुन आबैय या ....२

टायर गाड़ी पर
ओ घुमनाय इ  
आइरे, धुरे 
ओ साईकिल चलेनाय इ 
    बड़ मुन आबैय या ....२

ओ ताअपैयत दुपहरियां में 
दोस्त साँ मिलनाय इ 
दोस्त के साथ
ओ पिक्च्चर देखनाय इ  
     बड़ मुन आबैय या ....२

कॉलेज साँ छुटल 
ओ लड़किन के देखनाय इ
घर पहुँच कअ 
उपराग सुन नाय ई  
      बड़ मुन आबैय या ....२

ओ चोरिए छुपे 
काकी गाछक लताम, तोड़ नाय इ 
काकी के गाइर 
ओ माय साँ माईर खे नाय इ
      बड़ मुन आबैय या ....२

ओ कोजगरा के भोज
ओ पान, माखन खे नाय ई 
बस पर चअढी कअ
ओ हिचकोला खे नाय ई 
      बड़ मुन आबैय या ....२

जीवन के भाग दौड़ में
क तअ फ़सी गेलु
शहर में आबी क य 
एतय बईस गेलु 

भीड़ में हम से खो गेलु 
गाम के लोग 
कहैय त छाई यथ 
बौआ शहरी भयई गेलु 
    बौआ शहरी भयई गेलु ....२



अभिषेक कुमार झा............
***अपन जीवन पर आधारित एक टा सत्य***

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