बड़ मुन आबैय या
ओ खेत खलिहान
आम के कलम
ओही में मचान
बड़ मुन आबैय या ....२
पोखिड़ी भीड़ पर
दातुन केनाय
दातुन कैय्कय
डुबकी लगेनैय ई
बड़ मुन आबैय या ....२
टायर गाड़ी पर
ओ घुमनाय इ
आइरे, धुरे
ओ साईकिल चलेनाय इ
बड़ मुन आबैय या ....२
ओ ताअपैयत दुपहरियां में
दोस्त साँ मिलनाय इ
दोस्त के साथ
ओ पिक्च्चर देखनाय इ
बड़ मुन आबैय या ....२
कॉलेज साँ छुटल
ओ लड़किन के देखनाय इ
घर पहुँच कअ
उपराग सुन नाय ई
बड़ मुन आबैय या ....२
ओ चोरिए छुपे
काकी गाछक लताम, तोड़ नाय इ
काकी के गाइर
ओ माय साँ माईर खे नाय इ
बड़ मुन आबैय या ....२
ओ कोजगरा के भोज
ओ पान, माखन खे नाय ई
बस पर चअढी कअ
ओ हिचकोला खे नाय ई
बड़ मुन आबैय या ....२
जीवन के भाग दौड़ में
क तअ फ़सी गेलु
शहर में आबी क य
एतय बईस गेलु
भीड़ में हम से खो गेलु
गाम के लोग
कहैय त छाई यथ
बौआ शहरी भयई गेलु
बौआ शहरी भयई गेलु ....२
अभिषेक कुमार झा............
***अपन जीवन पर आधारित एक टा सत्य***
ओ खेत खलिहान
आम के कलम
ओही में मचान
बड़ मुन आबैय या ....२
पोखिड़ी भीड़ पर
दातुन केनाय
दातुन कैय्कय
डुबकी लगेनैय ई
बड़ मुन आबैय या ....२
टायर गाड़ी पर
ओ घुमनाय इ
आइरे, धुरे
ओ साईकिल चलेनाय इ
बड़ मुन आबैय या ....२
ओ ताअपैयत दुपहरियां में
दोस्त साँ मिलनाय इ
दोस्त के साथ
ओ पिक्च्चर देखनाय इ
बड़ मुन आबैय या ....२
कॉलेज साँ छुटल
ओ लड़किन के देखनाय इ
घर पहुँच कअ
उपराग सुन नाय ई
बड़ मुन आबैय या ....२
ओ चोरिए छुपे
काकी गाछक लताम, तोड़ नाय इ
काकी के गाइर
ओ माय साँ माईर खे नाय इ
बड़ मुन आबैय या ....२
ओ कोजगरा के भोज
ओ पान, माखन खे नाय ई
बस पर चअढी कअ
ओ हिचकोला खे नाय ई
बड़ मुन आबैय या ....२
जीवन के भाग दौड़ में
क तअ फ़सी गेलु
शहर में आबी क य
एतय बईस गेलु
भीड़ में हम से खो गेलु
गाम के लोग
कहैय त छाई यथ
बौआ शहरी भयई गेलु
बौआ शहरी भयई गेलु ....२
अभिषेक कुमार झा............
***अपन जीवन पर आधारित एक टा सत्य***
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