एकदिन हम कंजूस वरुण भैया के घर गेलों...
वरुण भैया : आबू... आबू... जीतू भाई... बहुत दिन के बाद आयल छी... कहू की पिअब ? ठंढा वा गरम... हम थाकल रही सोच्लो पहिने ठंढा पीबी... तकर बाद भउजीक हाथ सँ गरमा - गरम चाय पीयब....
हम कहलो भैया ठंढा आ गरम दुनु चलत.....
वरुण भैया (भउजी सँ) : यै मुनचुनिया के माय!!!!! एक गिलास फ्रीज़ के आ एक गिलास गीजर के पैन लेने आयब... जीतू भाई आयल छलाह....
tags - Maithili chutkule, maithili jokes, hanshi majak,
वरुण भैया : आबू... आबू... जीतू भाई... बहुत दिन के बाद आयल छी... कहू की पिअब ? ठंढा वा गरम... हम थाकल रही सोच्लो पहिने ठंढा पीबी... तकर बाद भउजीक हाथ सँ गरमा - गरम चाय पीयब....
हम कहलो भैया ठंढा आ गरम दुनु चलत.....
वरुण भैया (भउजी सँ) : यै मुनचुनिया के माय!!!!! एक गिलास फ्रीज़ के आ एक गिलास गीजर के पैन लेने आयब... जीतू भाई आयल छलाह....
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