Maithili kabita APAN EHASAS - Rajib kumar panday


       APAN EHASAS 


अपन यहसास मइेर नइ जाइ कखनियो ।।
दर्द हद स गुजेर नइ जाइ कखिनियो ।।

उनका के देखला भागेल सदियो हमरा ।।
उनकर चेहरा बिखाइर नइ जाइ कखिनियो ।।..

अब एक अवाज देब त अैब जाइ ।।
दिल दिवाना सुधइर नइ जाइ कखिनियो ।।

उनकर वादा त छै लेकिन दिल के ।।
डर छै कि कही मुइर नइ जाइ कखिनियो ।।

हमर दुनियाँ छै दर्द के सुरत ।।
फुल के सुरत निकैइल् नइ जाइ कखिनियो ।।

इ प्रेम के सेहो फितरत हाइे ।।
उनकर अैंख सेहो नइ भाईर जाइ कखिनियो ।।

दिल स गुजरल त छै लेकिन साइध ।।
अपन जान स गुजैर नइ जाइ कखिनियो ।।

राजिब कुमार पाण्डेय 

maithili kavita - dosti ka naam chhai


दोस्ती नाम छै सुख दु:ख के काहानी के ।।
दोस्ती नाम छै सद्कन मुस्कान के ।।
इ कोइ पल भर के पेहचन नइ छै ।।
दोस्ती नाम छै सद्कन साथ् निभवे के ।।

maithili kavita - rajib kumar panday


जै काइल छल ओह्के भुल कै त देखु ।।
जै आइ हबे ओहके जि कै त देखु ।।
आबे वाला पल अपने स सवाइेर जैइेत ।।
बस जिन्दगी के प्रेम स जि के त देखु ।।