blockquote>उठलै करेजा मे दरदिया हो राम
बदलल पिया के जे नजरिया हो राम
डूबा क' नेहक ताल मे संगे संग
लेलक बदलि अपने डगरिया हो राम
छै फूल पसरल सेज काटै सब अंग
गरमी द' रहलै यै चदरिया हो राम
कोना क' सम्हारब समझ मे नै ऐल
बड "अमित" तड़पाबै बदरिया हो राम
2212-2212-2221
बहरे- सरीअ
अमित मिश्र
बदलल पिया के जे नजरिया हो राम
डूबा क' नेहक ताल मे संगे संग
लेलक बदलि अपने डगरिया हो राम
मधुमास लागै आब सौतिन हरजाइबेचैन केलक बड अन्हरिया हो राम
छै फूल पसरल सेज काटै सब अंग
गरमी द' रहलै यै चदरिया हो राम
कोना क' सम्हारब समझ मे नै ऐल
बड "अमित" तड़पाबै बदरिया हो राम
2212-2212-2221
बहरे- सरीअ
अमित मिश्र
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