Maithili kavita इ जमीन अछि गांव के - Nishant jha

गौर से देखु एकरा और प्यार से निहाइर लिय
आराम से बैसु अतए पल दू पल बिता लिय
सुध कनी ल लिय अतए पर एकटा हरियर घाव के
कि इ जमीन अछि गांव के , हं इ जमीन अछि गांव के ......

कुल कुनबा और कुटुम के अर्थ बेमानी भेल
दादा क्का हरा गेल सब बिसैर गेल बडकी मैयाँ
गांव भइर में रिश्ता के केहेन डोर में छल बान्हल
जाति के भेद रिशता के तराजू छल साधल
याद अछि अखन तक धीमर के इनार के छांह के .....
कि इ जमीन अछि गांव के , हं इ जमीन अछि गांव के ......

आपस के संबंध के चौंतार पर बैएस क
छल सब चौरा बहुते रौब स किछु अऐंठ क
छल नै पैसा बहुत और नय अधिक सामान छल
पर हमर ओही गांव में सबके बहुत सम्मान छल
मांइग क कपडा बनल बरयति के दादा के ...
कि इ जमीन अछि गांव के , हं इ जमीन अछि गांव के ......

गांव के जखन स शहर में आन जान भ गेल
गांव के सब मनुख आब खाना खाना भ गेल
सई बीघा के मालिक गांव के अपने त छल
पगार के चक्कर मे छेदी शहर में अछि हरा गेल
बात करय के अछि हमरा ओय दौर के ठराव के ...
कि इ जमीन अछि गांव के , हं इ जमीन अछि गांव के ......

1 comments:

sahi bat achhi nishant ji gau ka jamin hoite chhe ahen je khai ka man bha jai ya

Reply

Post a Comment