कत्ते सोहाओन राति छै आयल,
सुख , सपना सब संगे लायल ....

कोना ने कियो मस्त भ’ झहरत,
नैन आहाँके अछि कजरायल,...

नैन करय नेह केर सिंचन,
ठोरक भाफ में सब उस्नायल,....

आगुक रूप के कोना हम बाजू,
बस पर्वत छै जेना समाओल,.....

‘गुंजन’ के दिन छिनी-झपटिक’
भाग्यो छैथ अहींक संग लागल,....

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