सिनेहक आइरि पर रोपल ब्यथा,
सब बिसरि गेलहु कि मोने अछि,
यै मनिनि मानक अपन कथा,
सब बिसरि गेलहु कि मोने अछि,...
जहिया भेंट भेल रहि आहा,
सोझा मे लजायल ठाढ़ रहि आहा,
पहिलुक मिलन के सब कथा,
सब बिसरि गेलहु कि मोने अछि,...
डेग धरि जे मचलि धरती पर,
सोझे लट आबी जय कटी पर,
किछु अहू कहु प्रिये अपन ब्यथा,
सब बिसरि गेलहु कि मोने अछि,...
अयना लग ठाढ़ कखनो दौरि दुआरि पर,
रहि-रहि नजरि आहक जाय छल चार पर,
कौआ स' पूछने रहि हमर कथा,
सब बिसरि गेलहु कि मोने अछि,...
आंखिक कोर इंद्रधनुषी कमान सन,
ताकथि कि चलय लागय जेना बाण सन,
'गुंजन' हुनकर आंखिक ओ ब्यथा
सब बिसारी गेलहु कि मोने अछि,...
Tags - poem, maithili poem gunjan shree, maithili kavita
Tags - poem, maithili poem gunjan shree, maithili kavita
Post a Comment