बाल गजल

बाल गजल-५

कीन दे मुरही-कचरी-झिल्ली लवनचूस आ बिसकुट माँ 
लोढि बाधसँ धान जे अनलौ तकर कीन दे तिलकुट माँ

धान अगोअं के जे उसरगल तकर कीन दे फीता-बाला 
काकी जे देलखिन बाला से हाथमें होई छइ छुट-छुट माँ

ललका फीता गूहल जुट्टी तेल सँ माथा गमकै गम-गम 
थकरै केश जहन ककबा लऽ ढील केऽ मारै पुट - पुट माँ

देखि भूख सँ लोहछल नेन्ना दुःख-सुख सभटा लोप भेलै
भंसा घर में घाम सँ भीजल काज करै सभ चुट-चुट माँ

होय कहाँ अनका देखबैलै "नवल" इ मायक माया-तृष्णा
भेड़ निन्न तइयो कहि खिस्से दूध पियाबय घुट-घुट माँ

--- वर्ण- २२ ---
(सरल वार्णिक बहर)
►नवलश्री "पंकज"◄
< २४.०६.२०१२ >

Post a Comment