भौजी करा दिय विवाह - प्रकाश ठाकुर

prakash thakur
    
                                        भौजी  करा  दिय विवाह

छोटकी  भौजी  स कहलो , भौजी  करा   दिय विवाह !
दिन  - राति नै  बीते  य,  होई  य  अबुह  अथाह !!

दिन  त कहुना बीतो  जैयअ, राति  लागैत  पाहार!
कछ्मछ  करैत  रहि  ओछैन, करियो  कोनो  बिचार !!

हस्सी  उरबई  छौरा  सब , चुप्पे  रहि  मलान !
ताहि  दुआरे  नै  निकले  छि , बैसल  रही  दालान !!

घर  स  निकलते  सब  पुछिय, कहिया  हेतो  विवाह !
कि कहबई  अहि  कहू , लाजे हशैत  पराई!!

हमरा  आगुक  मंगला  जन्मल , सेहो  केलक  विवाह !
आब  ककरो  नै  मनाब  भौजी , करबे  करब  विवाह !!

कि  दिक्कत   य  हमरा  माँ  भौजी , खुइल  क  दिय  बताई !
इ  लगन  त  बितीये  गेल , अगला  नै  बितायब !!

अपने  बहिन  क  कहियो  भौजी , करा  दिय  विवाह !
बाबु  क  कहियो  करता बिचार , नै  करू  बताह !!

नै  बनब हम  नारद  बाबा , कन्फुस्सा  अगिलास्सा!
करबे  करब  हम  विवाह , हमहू  बनब  पप्पा !!

मिथिला  क  संस्कार  विवाह , करनै  बहुत  जरुरी !
नै  तोरब  अहि  संस्कार  क , हम  छि  मिथिलावासी !!
                                                           प्रकाश ठाकुर

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