Maithili लघु काव्य - Nishant jha

मरुस्थल रूपी हृदय में

तृष्णा

गर्म दह्कैत बालू अछि

की कखनो

हरियरी के लेल

नेह रूपी जल भेटत ?

या की

म्रिगत्रिश्ने में

भटैक जायत जीवन

मोन आर आइंख दुनु टा

आकाश के तकैत

जलधर के प्रतीक्षा में

पुलकित होइत

मात्र ज़िंदगी एकटा

उच्छ्वास बैन्क रहि जायत ...
निशांत झा
पुत्रः श्री प्रद्युम्न नाथ झा (समाजसेवी )
घर सिंगियौन
प्रखंड राजनगर
जिला मधुबनी
माँ श्री मती मंदाकिनी देवी (प्रधानाध्यापिका म. वि. )
(साहित्याचाय्र

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