maithili kavita - rajib kumar panday


जै काइल छल ओह्के भुल कै त देखु ।।
जै आइ हबे ओहके जि कै त देखु ।।
आबे वाला पल अपने स सवाइेर जैइेत ।।
बस जिन्दगी के प्रेम स जि के त देखु ।। 

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