लगभग १०० साल पहिने ब्रजबंसी काका खाली पेरे जेठ मास में सिमरिया गंगा स्नान करबाक लेल जायत रहैथ... धीपल बालू जखन पेर कs पकाबे तें मोने - मोन थाकल अवस्था में ब्रजबंसी काका सोचैथ "घोड़ा चरहब हो भगवान्, घोड़ा चरहब हे भगवान्"
एतबे में एक अंग्रेज गाभिन घोड़ी पर चरहल जखन ब्रजबंसी काका के नजदीक आयल तें ओकर घोड़ी बीए गलाई... आ बच्चा घोड़ा देलकै....
अंग्रेज ब्रजबंसी काका के आदेश दैत बाजल... "इसे उठा कर समस्तीपुर डाक बंगला तक ले आओ" आ अंग्रेज अपन घोड़ी के एड़ मारलक आ आगा चैल गेल...
ब्रजबंसी काका डर सँ की बाजता.... घोड़ा के कन्हा पर उठा के चले लागला...आ मोने मोन बैज उठला "उल्टा समझला हो भगवान्, उल्टा समझला हे भगवान्"
एतबे में एक अंग्रेज गाभिन घोड़ी पर चरहल जखन ब्रजबंसी काका के नजदीक आयल तें ओकर घोड़ी बीए गलाई... आ बच्चा घोड़ा देलकै....
अंग्रेज ब्रजबंसी काका के आदेश दैत बाजल... "इसे उठा कर समस्तीपुर डाक बंगला तक ले आओ" आ अंग्रेज अपन घोड़ी के एड़ मारलक आ आगा चैल गेल...
ब्रजबंसी काका डर सँ की बाजता.... घोड़ा के कन्हा पर उठा के चले लागला...आ मोने मोन बैज उठला "उल्टा समझला हो भगवान्, उल्टा समझला हे भगवान्"
tags - maithili jokes, maithili chutkula, maithili hashi majak, kichh hash liya,
Post a Comment